Wednesday, 10 July 2019

उलझे बैठे है !

बेपनाह मोहब्बत है,
इसलिए तो तुमसे उलझे बैठे है !
नहीं तो दर्दे दिल संभलके सुलझाना,
हमारे बाये हात का खेल है !!

            @ किर्ती कुलकर्णी

Tuesday, 2 July 2019

सुकून !

सपनों को दिल से लगा रही हूँ,
तेरे बेपनाह मुहब्बत में, फ़ना हो रही हूँ !
जानती हूँ समंदर से भी गहरा हे,
फिर भी सुकून से इसमें डुब जा रही हूँ !!

                                  @किर्ती कुलकर्णी